॥ कैवल्योपनिषत् ॥ कैवल्योपनिषद्वेद्यं कैवल्यानन्दतुन्दिलम् । कैवल्य-गिरिजारामं स्व-मात्रं कलयेऽन्वहम् ॥ kaivalyopaniṣad-vedyaṃ kaivalyānanda-tundilam । kaivalya-girijārāmaṃ sva-mātraṃ kalaye’nvaham ॥ I contemplate daily upon the Pure Self, to be
॥ कैवल्योपनिषत् ॥ कैवल्योपनिषद्वेद्यं कैवल्यानन्दतुन्दिलम् । कैवल्य-गिरिजारामं स्व-मात्रं कलयेऽन्वहम् ॥ kaivalyopaniṣad-vedyaṃ kaivalyānanda-tundilam । kaivalya-girijārāmaṃ sva-mātraṃ kalaye’nvaham ॥ I contemplate daily upon the Pure Self, to be